प्लॉट का एग्रीमेंट करने से पहले किन-किन बातों पर ध्यान दें

9/6/20251 min read

worm's-eye view photography of concrete building
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1. मालिकाना हक़ (Ownership / Title Verification)

यह देखें कि बेचने वाला व्यक्ति सच में प्लॉट का असली मालिक है या नहीं।

उसके नाम पर सेल डीड / अलॉटमेंट लेटर / खसरा-खतौनी / खाताuni होना चाहिए।

अगर प्लॉट कई लोगों के नाम पर है, तो सबकी सहमति और हस्ताक्षर ज़रूरी हैं।

प्लॉट पर कोई कोर्ट केस / स्टे ऑर्डर तो नहीं चल रहा है।



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2. ऋण या गिरवी (Encumbrance Check)

प्लॉट किसी लोन, बंधक या चार्ज के तहत तो नहीं है।

एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट (EC) निकलवाकर सुनिश्चित करें कि प्लॉट फ्री है।



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3. प्लॉट की प्रकृति और स्थिति

प्लॉट रेज़िडेंशियल, कमर्शियल, इंडस्ट्रियल या एग्रीकल्चर किस प्रकार का है।

अगर कृषि भूमि है, तो उसका नॉन-एग्रीकल्चर (NA/Residential) कन्वर्ज़न हुआ है या नहीं।

यह सुनिश्चित करें कि प्लॉट किसी ग़ैरकानूनी कॉलोनी का हिस्सा तो नहीं है।



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4. सरकारी मंज़ूरी और रिकॉर्ड

लेआउट प्लान और नक्शा स्थानीय प्राधिकरण (नगर निगम / विकास प्राधिकरण / ग्राम पंचायत) से मंज़ूर होना चाहिए।

अगर लागू होता है, तो RERA रजिस्ट्रेशन भी चेक करें।



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5. एग्रीमेंट की ज़रूरी बातें

एग्रीमेंट में साफ़-साफ़ लिखा होना चाहिए:

प्लॉट का सटीक क्षेत्रफल और सीमा (boundary)।

अंतिम मूल्य (Sale Price) और भुगतान की शर्तें (एडवांस कितना, बाक़ी कब)।

एग्रीमेंट रद्द होने की स्थिति और पैसे वापसी की शर्तें।

सेल डीड रजिस्ट्री कब तक करनी है।

कोई छुपे हुए चार्जेज़ (डेवलपमेंट, सोसाइटी फीस आदि) तो नहीं हैं।



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6. भौतिक जाँच (Physical Verification)

खुद जाकर प्लॉट का मुआयना करें।

प्लॉट की माप और बाउंड्री जाँचें।

रास्ता (road access) और आसपास का माहौल देखें।

पज़ेशन (कब मिलेगा) और प्लॉट की सीमा स्पष्ट होनी चाहिए।



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7. स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन

एग्रीमेंट हमेशा स्टाम्प पेपर पर करवाएँ।

सुरक्षा के लिए इसे सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर्ड करवाना बेहतर है।



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👉 संक्षेप में:

मालिकाना हक़ साफ़ हो।

कोई क़र्ज़/विवाद न हो।

प्लॉट सरकार/प्राधिकरण से मंज़ूरशुदा हो।

एग्रीमेंट में सब कुछ लिखित रूप से हो।